हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , डॉ. रागिब हुसैन नईमी ने कहा कि नफ़रत फैलाने वाले बयान सामाजिक प्रगति और शांति के लिए ख़तरा हैं। उलेमा समाज में भाईचारे और सहिष्णुता को बढ़ावा दें। उन्होंने ये विचार ब्रिटेन से आए प्रसिद्ध सूफी नेता साहिबज़ादा पीर सैय्यद मोहम्मद अहसन शाह नौशाही कादरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से जामिया नईमिया लाहौर में मुलाकात के दौरान व्यक्त किए।
धार्मिक नेताओं ने शैक्षणिक, शोधपरक, फ़िक़्ही, सामाजिक कल्याण और इस्लामी दुनिया की चुनौतियों सहित अन्य आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल में काज़ी अब्दुल ग़फ़्फ़ार, साहिबज़ादा पीर मोहम्मद हफ़ीज़ अज़हर, मुफ़्ती मोहम्मद इमरान हनफ़ी और कारी मोहम्मद रफ़ीक़ नक्शबंदी शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने मुफ़्ती मोहम्मद हुसैन नईमी और शहीद-ए-पाकिस्तान डॉ. मोहम्मद सरफ़राज़ नईमी के मज़ारों पर भी ज़ियारत की उन्होंने कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी हॉल और विभिन्न कक्षाओं का भी दौरा किया।
पीर सैय्यद मोहम्मद अहसन शाह नौशाही ने संस्था की शैक्षणिक और सामाजिक सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. सरफ़राज़ नईमी की धार्मिक, राष्ट्रीय और सामाजिक सेवाएं प्रशंसनीय हैं। मदारिस शिक्षा के प्रसार और समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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